द गर्ल इन रूम 105–६१
मेरी फैमिली चाहती है कि मैं अब इस सबसे दूर रहे। प्लीज, मैं तुमसे रिक्वेस्ट करता हूं कि अब मझे और मेरे
परिवार को चोट मत पहुंचाओ। मेरे पैरेंट्स बहुत डरे हुए हैं।" 'लेकिन मैंने कुछ नहीं किया है। मैं भला ऐसा क्यों करूंगा?' "मैं यह नहीं कह रहा हूं कि यह तुमने किया है। मैं केवल इतना ही कह रहा हूं कि अगर तुमने कुछ किया हो तो प्लीज अब यह बंद कर दो। मुझे शांति से जीना है।"
रघु, मैंने तुम्हें बहुत सारी बातें कही हैं और तुम्हारा मजाक भी उड़ाया है, लेकिन मैं तुम्हें क्यों चोट
पहुंचाऊंगा? ज़ारा और तुम तीन साल से ज्यादा समय से डेट कर रहे थे, क्या मैंने कभी कुछ किया?" "मैं उस फट्टू को मार दूंगा, ये तुमने एक बार जारा से कहा था । " "बो तो गुस्से में कह दिया था। नशे की हालत में प्लीज, मैंने कुछ भी नहीं किया है। एनीवे, उन लोगों ने
वॉचमैन को पकड़ लिया है।"
वह चुप हो गया। उसकी आंखों से अब भी अविश्वास झलक रहा था। "रघु. मैं इस बात को समझ सकता हूं कि तुम मेरा भरोसा नहीं करते, लेकिन मैं कसम खाकर कहता हूं मैंने किसी को हर्ट नहीं किया है, ना जारा को ना तुम्हें, ओके?
उसने धीरे से सिर हिलाया और ख्यालों में गुम सा नीचे देखने लगा। फिर उसने बहुत धीमे से कहा, इतने श्री से कि मुझे अपने कानों पर जोर देकर सुनना पड़ा, 'वो मेरा सब कुछ थी। मेरी जिंदगी की ख़ुशी ।' शायद यही बात मैं भी उसे कह सकता था, लेकिन ऐसा लग रहा था, जैसे वह अपनी स्लो-मोशन आवाज़ में
ख़ुद से बतिया रहा हो, 'सिलिकॉन वैली से कुछ इंवेस्टर्स मुझे बुला रहे थे। मैं हमेशा से वहां जाना चाहता था,
लेकिन जारा राज़ी नहीं हुई। वह अपनी पीएचडी बीच में नहीं छोड़ना चाहती थीं।'
'वह कश्मीर जाकर पढ़ाना चाहती थी, राइट?' मैंने कहा। जब हम साथ थे, तब वह मुझसे यही कहा करती "हां, और फाइनली मैंने उसे कंविंस कर लिया था और हमने अमेरिका में कुछ साल बिताने का फ़ैसला ले थी। लिया था, जिसके बाद हम कश्मीर जा सकते थे। उसे कुछ ही महीनों में अपनी पीएचडी मिलने वाली थी और हम सैन फ्रांसिस्को जाने को तैयार थे। मैंने तो माउंटेन व्यू में अपार्टमेंट्स भी देख लिए थे। लेकिन अब...' उसका गला रुंध गया और उसने अपना चेहरा हथेलियों में छिपा लिया। वह धीरे-धीरे सुबकने लगा।
रेस्तरां में बैठे दूसरे लोग हमें हैरत से देखने लगे। वह ऐसे रो रहा था जैसे उसे किसी की कोई फिक्र ही ना हो। मुझे
डर लगने लगा कि कहीं लोग मुझे किडनैपर ना समझ लें इसलिए मैंने उसके हाथ में टिशूज थमा दिए ।
'थैंक यू ' उसने पेपर नैपकिन से अपना चेहरा पोंछते हुए कहा। ‘मैंने कुछ भी नहीं किया है। क्या तुम मेरा भरोसा करोगे ? रघु, मेरी आखों में देखकर बात करो।'
*मैं भरोसा करता हूं.' उसने आखिरकार मेरी आंखों से आंखें मिलाते हुए कहा।
'गुड' मैंने कहा 'मुझे तुमसे कोई शिकायत नहीं है। अब नहीं है। "सॉरी, मेरे पैरेंट्स घबराए हुए हैं। उन्होंने सिक्योरिटी सर्विस हायर कर ली है। जब मैं ऑफिस जाता हूं तो वे नर्वस हो जाते हैं। हम सभी बहुत डर गए हैं।"
"मैं समझ सकता हूँ। लेकिन मुझे इस सबमें कोई दिलचस्पी नहीं है, सिवाय....
"सिवाय क्या?" "मुझे तुम्हारी मदद चाहिए।'
"कैसी मदद?"
"यह मालूम करने में कि ज़ारा का कत्ल किसने किया। मैं भी इसमें पुलिस की मदद कर रहा हूं।' "तुम पुलिस की मदद कर रहे हो? लेकिन पुलिस तो कह रही है कि वॉचमैन ने यह सब किया है।' 'हो सकता है, उसने यह नहीं किया हो।'
'एक्चुअली, जब उन्होंने लक्ष्मण का नाम लिया तो मुझे भी यह सुनकर हैरानी हुई थी।" "तुम्हें हैरानी हुई थी।"
"हा। मैं उस वॉचमैन से मिला है। उसे देखकर ही नहीं लगता कि वह कत्ल कर सकता है। लेकिन पुलिस ने
टीवी पर यही कहा कि वही हत्यारी है।"
तो कभी-कभी पुलिस मीडिया को चुप कराने के लिए भी कुछ चीजें कह देती है।" "तो फिर जारा को किसने मारा? यह तो मैं भी जानना चाहता हूं।'